Wednesday, March 9, 2022

उदयपुर में आईयूआई पर एक दिवसीय वर्कशाॅप आयोजित

 


70 से ज्यादा निःसंतानता रोग विषेशज्ञों ने लिया भाग

निःसंतानता के इलाज की नई विधाओं पर हुई चर्चा

उदयपुर। पेसिफिक मेडिकल काॅलेज एवं हाॅस्पिटल के आईवीएफ विभाग की ओर से आईयूआई पर एक दिवसीय वर्कशाॅप का आयोजन किया गया। वर्कषाॅप का उद्घाटन पीएमसीएच के चेयरमेन राहूल अग्रवाल,सीईओ षरद कोठारी,पेसिफिक मेडिकल विष्वविधालय के वाइस चाॅसलर डाॅ.ए.पी.गुप्ता,पीएमसीएच के प्रिसिंपल डाॅ.एम.एम.मंगल,स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की डाॅ.राजरानी षर्मा,निःसंतानता रोग विषेशज्ञ डाॅ.परिक्षित टाॅक एवं पेसिफिक आईवीएफ की साईन्टिफिक डाॅयरेक्टर डाॅ.मनीशा वाजपेयी ने माॅ सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्जवलन करके किया। इस वर्कशाॅप में 70 से ज्यादा निःसंतानता रोग विषेशज्ञों ने निःसंतानता के इलाज की नई विधाओं पर अपने विचार रखें।

वर्कशाॅप के इस मौके पर निःसंतानता रोग विषेशज्ञ डाॅ.परिक्षित टाॅक ने निःसंतानता के शीघ्र निदान के बारे में बताया। उन्होनें कहा कि जैसे जैसे निःसंतानता के मरीज दिनो दिन देश मे बढ रहे इन्हे रोकने के लिए हमें प्रारंभिक अवस्था में जाॅच की आवश्यकता है जिससे निःसंतानता की जटिलताओं के साथ साथ इसके उपचार की लागत को कम किया जा सकता है।

इस अवसर पर पेसिफिक आईवीएफ की साईन्टिफिक डाॅयरेक्टर डाॅ.मनीषा वाजपेयी ने निःसंतानता के क्षेत्र में हो रही नई रिर्सचो का उल्लेख करते हुए बताया कि आईयूआई एक साधारण तकनीक है। इसके द्वारा गुणवत्ता पूर्ण उपचार एवं नई तकनीक का उपयोग करके विफलता के कुछ कारणों से बचा जा सकता है। साथ ही आईयूआई द्वारा इलाज के लिए बड़े सेटअप की आवश्यकता नहीं होती है। छोटी जगहो पर इस उपचार को बढावा देकर निसंतानता की बड़ी समस्या पर काबू पाया जा सकता है।

वर्कशाॅप के दौरान पेसिफिक हाॅस्पिटल के स्त्री एवं प्रसूति विभाग की विभागाघ्यक्ष डाॅ.राजरानी शर्मा ने बताया कि आईयूआई एक ऐसा उपचार है जो लगभग 50 फीसदी जोड़ों में सफलतापूर्वक मदद कर सकता है। यह आईवीएफ की तुलना में एक आसान और कम खर्चीला विकल्प है और युवा जोड़ों में इसकी सफलता दर अच्छी है, बस इसके लिए सही चुनाव जरूरी है। कार्यक्रम का संचालन स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की डाॅ.रमा चुण्डावत ने किया।इस वर्कशाॅप मे प्रतिष्ठित निःसंतानता रोग विशेषज्ञों ने सक्रिय रूप से भाग लिया और निःसंतानता के इलाज के लिए उपचार की नई विधाओं पर चर्चा की

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Tuesday, February 22, 2022

जयपुर में अवैध बसाई गई इस कॉलोनी में 10 अवैध विला सील, 15 को किया ध्वस्त


जयपुर- जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा जोन-10 में इकोलॉजिकल जोन में विगत समय में रातों-रात बसाई गई नवीन अवैध कॉलोनी सुख सागर को बिना अनुमति व स्वीकृति के बने 10 अवैध विलाज को सील किया गया तथा 15 निर्माणाधीन अवैध विलाज को ध्वस्त किया गया। साथ ही जोन-09 में 160 फीट रोड की स्लिप लाईन में आ रहे अतिक्रमणों को ध्वस्त कर सडक सीमा को अतिक्रमण मुक्त करवाया गया। 

मुख्य नियंत्रक प्रवर्तन रघुवीर सैनी ने बताया जोन-10 के क्षेत्राधिकार इकोलॉजिकल जोन क्षेत्र में लुणियावास विगत समय में रातो-रात नवीन अवैध कॉलोनी सुख सागर बसाने के प्रयोजनार्थ से बने गंभीर प्रकृति के पूर्ण बने 10 अवैध विलाज की इ्रजीनियरिंग विंग की सहायता से प्रवेश द्वारो पर ईटो की दीवारो की चुनवाई कर पुख्ता सिलिंग एवं निर्माणाधीन 15 अवैध विलाजो को जेसीबी मशीनो व मजदुरो की सहायता से पूर्ण ध्वस्तीकरण किया गया।

उक्त अवैध विलाज के रातो-रात निर्माणाधीन होने के अवधान में आते ही दिनांक 17.11.2021 को धारा 32,33 जेडीए एक्ट का नोटिस देकर निर्माण कार्य रूकवाया जाकर हटाने हेतु पांबद किया गया था। अग्रिम विधिसम्मत कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने के दौरान ही दिनांक 26.11.2021 को सहायक कलेक्टर, जयपुर शहर-द्वितीय न्यायालय का यथास्थिति आदेश आ गया था। गार्ड नियुक्त कर आगे अवैध निर्माण नही होना सुनिश्चित किया गया जविप्रा द्वारा उक्त सबंध में उक्त न्यायालय का क्षेत्राधिकार ही नही होने व इकॉलोजिकल जोन क्षेत्राधिकार में गंभीर प्रकृति के ’’जीरो टॉलरेन्स’’ नीति के उक्त अवैध निर्माण के रातों-रात हो जाने के आधार पर अपना प्रभावी पक्ष रखा। अब उक्त यथास्थिति आदेश को हटते ही उक्त प्रभावी विधिसम्मत कार्यवाही सुनिश्चित की गई। उक्त विलाज में 21.01.2022 को रहवास का प्रयास किया एवं निर्माण कार्य चालू रखने पर दिनांक 20.02.2022 जेडीए एक्ट की धारा 34(क) के नोटिस जारी कर उक्त अवैध विलाज के प्रवेश द्वारो, सिढीया, दरवाजो, खिडकियों इत्यादि को जविप्रा की इंजिनियर शाखा की मदद से ईंटो की दीवारो से चुनवाकर नियमानुसार आज दिनांक 21.02..2022 को पुख्ता सीलिंग की कार्यवाही की गई। तथा शेष 15 निर्माणाधीन विलाज का पूर्णत्या ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की गई। 


उक्त कार्यवाही उप नियत्रंक प्रवर्तन चतृर्थ, प्रवर्तन अधिकारी जोन-10, 01, पीआरएन-नार्थ, पीआरएन-साउथ व प्राधिकरण में उपलब्ध जाप्ते, लेबर गार्ड एवं जोन में पदस्थापित राजस्व व तकनीकी स्टॉफ की निशादेही पर प्रवर्तन दस्ते द्वारा सम्पादित की गई। 

जविप्रा क्षेत्राधिकार में नवीन कॉलोनी काटने के प्रकरणों में ’’जीरो टोलरेंसश्श् की नीति अपनाकर अविलंब प्रभावी विधिसम्मत कार्यवाही एवं पूर्ण ध्वस्तीकरण सुनिश्चित किये जा रहे हैं। फलतः वर्तमान में नवीन अवैध कॉलोनी काटने की प्रवृति पर प्रभावी अंकुश स्थापित हुआ हैं।


जेडीए द्वारा जोन-09 के क्षेत्राधिकार में जगतपुरा में 160 फीट रोड़-स्लिप लाईन पर कब्जा-अतिक्रमण कर लगायी गयी थडी, झोपडी इत्यादि को जोन-9 के राजस्व व तकनीकी स्टॉफ की निशादेही पर प्रवर्तन दस्ते द्वारा जेसीबी मशीन व मजदूरों की सहायता से पूर्णतः ध्वस्त किया जाकर स्लिप लाईन केा अतिक्रमण मुक्त करवाया गया। उक्त कार्यवाही प्रवर्तन अधिकारी जोन-09 तथा प्राधिकरण में उपलब्ध जाप्ते, लेबर गार्ड एवं जोन में पदस्थापित राजस्व व तकनिकी स्टॉफ की निशादेही पर प्रवर्तन दस्ते द्वारा सम्पादित की गई।

Thursday, February 17, 2022

एलआईसी बीमा सलाहकार बनने हेतु किया प्रेरित

 


                         -अजय शर्मा-

हिण्डौन- राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में भारतीय जीवन बीमा शाखा हिण्डौन सिटी द्वारा एक कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें विद्यार्थियों को अपना कैरियर भारतीय जीवन बीमा निगम में बीमा सलाहकार बनने हेतु प्रेरित किया गया

शाखा हिण्डौन सिटी के सहायक शाखा प्रबंधक के.सी. मीणा ने छात्र छात्राओं को विस्तार पूर्वक बताया कि किस तरह से जीवन बीमा सलाहकार नियुक्त होकर आगे किस तरह से विकास अधिकारी बना जा सकता है  तथा शाखा  के मुख्य जीवन बीमा सलाहकार लक्ष्मण गोयनका ने विद्यार्थियों को जीवन बीमा सलाहकार बनने के लिये प्रेरित किया तथा बताया की सबसे बड़ी बीमा कम्पनी से जुड़कर के इस तरह भी देश सेवा की जा सकती है महाविद्यालय के प्राचार्य सुरेश चंद मीणा ने भी कार्यक्रम की सराहना करते हुए सभी का आभार  ब्यक्त किया, मंच संचालन डॉ. रितेश जैन ने किया तथा कार्यक्रम में डॉ. सुरेश कुमार मीणा डा. सहदेव चौधरी डा. श्याम सुन्दर शर्मा डॉ. प्रीति सिंह डॉ. भोली मीणा आदि उपस्थित रहे तथा छात्र प्रिया शर्मा अंतिमा शर्मा मोनिका जांगिड़ अनिता सैन गौरव शर्मा आदि ने कार्यक्रम मैं बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया तथा सैकड़ों की संख्या मैं छात्र छात्रा उपस्थित रहे

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