कोरोना संकट के चलते पूरे देश में लॉकडाउन जारी है। इस दौरान भारत में ऑनलाइन एजुकेशन में अचानक तेज प्रगति हुई है। स्कूल से लेकर कॉलेज,यूनिवर्सिटी तक में इन दिनों डिजिटल क्लासेज चल रही हैं जिससे छात्रों को बहुत फायदा मिल रहा हैं। शिक्षा विशेषज्ञों के अनुसार देश में आने वाले समय में भी ऑनलाइन एजुकेशन एक बडी जरूरत बन जाएगी। जानिये ऑनलाइन एजुकेशन के क्या है कारण व फायदें-
- लीडिंग मार्केट रिसर्च एंड एनालिसिस कंपनी Velocity MR की नई रिसर्च के अनुसार 72 प्रतिशत भारतीय पुरानी क्लास रूम ट्रेनिंग की बजाय अब ऑनलाइन ई-लर्निंग को प्राथमिकता दे रहे हैं और जल्द ही आने वाले समय में भारतीय शिक्षा व्यवस्था के लिए यह काफी मददगार साबित होगी।
- मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका के बाद अब भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ी ई-लर्निंग मार्केट बनने जा रहा है। इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में 2021 तक ऑनलाइन एजुकेशन सेक्टर का बिजनेस करीब 1.96 बिलियन डॉलर का हो जाएगा।
- भारत में ऑनलाइन एजुकेशन सेक्टर सालाना करीब 15 फीसदी की दर से बढ़ रहा है और लॉक डाउन में तो कई गुना की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
ऑनलाइन एजुकेशन से फायदे- शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि डिजिटल शिक्षा से बच्चों में क्रिएटिविटी पावर बढती है। अभिभावकों को अपने बच्चों को ऑनलाइन एजुकेशन से जोड़ना चाहिए जिससे कोरोना के नकारात्मक वातावरण से बाहर आकर सकारात्मकता महसूस की जा सके। इससे बच्चों में आत्मविश्वास व सेल्फ केयर विकसित हो पाएगी।
ऑनलाइन कोर्स चुनते समय इन चीजों पर दें जरूर ध्यान
ऑनलाइन कोर्स में सेलेबस पर ध्यान देना चाहिए और टॉपिक्स के अनुसार ही कोर्स चुनना चाहिए। पूरी तरह सर्च करने के बाद ही किसी कोर्स को चुनना चाहिए। स्कूल,कॉलेज संचालकों को अपनी वेबसाइट,एप्स में ऑनलाइन सुरक्षा का स्तर बेहद मजबूत रखना चाहिए जिससे डेटा को लेकर कोई परेशानी नहीं आए।