दुनिया में एक तरफ कोरोना का कहर बना हुआ है तो दूसरी तरफ पृथ्वी के बिल्कुल पास से एक पहाड के आकार के उल्का पिंड के गुजरने की घटना को लेकर दुनिया के लोगों में चिंताएं बनी हुई हैं। कल 29 अप्रैल 2020 बुधवार सुबह 5 बजकर 56 मिनट पर ईस्टर्न टाइम में यह पहाड जैसा विशाल आकार का उल्कापिंड पृथ्वी के बेहद पास से गुजरेगा। अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का मानना है कि यह उल्कापिंड पृथ्वी पर वैश्विक प्रभाव पैदा करने के लिए पर्याप्त बड़ा है मगर इससे अभी लोगों घबराने की जरूरत नहीं है। अब इसके पृथ्वी के करीब से गुजरने में 24 से भी कम घंटों का समय बचा है।
कल बुधवार सुबह गुजरेगा उल्कापिंड
नासा के वैज्ञानिकों के मुताबिक कल 29 अप्रैल 2020 बुधवार सुबह 5 बजकर 56 मिनट पर ईस्टर्न टाइम में यह पहाड जैसा विशाल आकार का उल्कापिंड पृथ्वी के बेहद पास से गुजरेगा। हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि इस घटना से घबराने की जरूरत नहीं है।
वैज्ञानिक यह भी बोले कि- अगर ऐसा हुआ तो आ सकता है संकट
वैज्ञानिकों के अनुसार 1998 OR2 नाम के इस बडे उल्कापिंड की स्पीड लगभग 19 हजार किलोमीटर प्रति घंटे है। मीडिया में आ रहे वैज्ञानिकों के बयान के अनुसार अगर इस पिंड ने अपना थोडा सा भी स्थान परिवर्तित किया तो धरती पर बडा संकट आ सकता है इसलिए दुनिया के अंतरिक्ष वैज्ञानिक इस स्थिति पर विशेष लगातार नजर बना हुए हैं। हालांकि वैज्ञानिकों का यह कहना है कि पृथ्वी से इस उल्कापिंड टकराने की संभावना बहुत ही कम है इसलिए घबराने की कतई आवश्यकता नहीं है। हर 100 साल में उल्कापिंड के धरती से टकराने की 50 हजार बार संभावनाएं रहती है मगर ऐसा बहुत ही कम बार हुआ है कि कोई इतना बड़ा उल्कापिंड पृथ्वी से कभी टकराया हो।
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