करौली। पर्यावरण बचाने वाली संस्था पर्यावरण बोध संस्थान के मीडिया प्रभारी मदन मोहन भास्कर ने बताया कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौर में भी संस्था द्वारा विभिन्न प्रकार के छायादार पेड़ - पौधे अनेक स्थानों पर लगाये गये। जिनके संरक्षण का दायित्व समुदाय या संस्था द्वारा संयुक्त रूप से लिया गया। संरक्षण की दृष्टि से कई स्थानों पर आवश्यकतानुसार ट्री गार्ड लगाकर भी संरक्षण किया गया।
संस्थान के सचिव प्यारसिंह मीणा ने बताया कि संस्था द्वारा मास्क,साबुन,गेहूं एवं सैनिटाइजर उपलब्ध कराये गये। मनरेगा में चयनित परिवारों को जल संरक्षण योजना के तहत 52 कार्य दिवस का रोजगार भी उपलब्ध कराया गया। पक्षियों की विलुप्त होती हुई प्रजाति गौरैया चिड़िया के संरक्षण एवं वंश वृद्धि हेतु मिट्टी से निर्मित घोंसले लगाने के साथ-साथ पक्षियों को पानी पीने हेतु परिंडे भी लगाए गये। संस्था के अध्यक्ष श्रीमोहन मीणा ने बताया कि संस्था द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए पेड़ लगाने,उनके बचाव पानी,बिजली बचाने तथा पॉलिथीन का उपयोग बंद करने हेतु निरंतर नुक्कड़ सभाओं,पत्र-पत्रिकाओं आदि के माध्यम से जनजागृति एवं जागरूकता लाने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं।मदन मोहन भास्कर ने बताया कि धरा की सुन्दता के लिए वृक्षारोपण करना चाहिए। ये बहुत ही पुनीत व सराहनीय कार्य है। पेड़- पौधों से पर्यावरण का संतुलन बना रखता है। पेडों से ही हमारा जीवन है क्योंकि पेड़ हमें फल,फूल,छाया,औषधि आदि प्रदान करते है। पौधों की देखभाल की स्वेच्छा से जिम्मेदारी लेनी चाहिए। बिना पेडों के प्रकृति का संतुलन सम्भव नहीं है इसलिए हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने के साथ साथ उनकी देखभाल करना बहुत जरूरी है।
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