Thursday, September 17, 2020

थायराइड का इलाज लाइलाज नहीं- डा. घनश्याम व्यास


राजस्थान आयुर्वेद विभाग के पूर्व अतिरिक्त निदेशक डा. घनश्याम व्यास ने बताया कि  थायराइड का इलाज लाइलाज नहीं है बशर्ते के समय पर जांच और दवा के साथ खानपान ठीक से किया जाए।
थायराइड वर्तमान समय की आम समस्या होती जा रही है जो अधिकांश लोगों में देखी जा रही है। मानव शरीर में थायराइड ग्रंथि तितली के आकार की होती है और यह गले के सामने वाले हिस्से में स्थित होती है। यह खून में हार्मोन का निर्माण स्टोर एवं निकालती करती है ताकि हार्मोन शरीर की कोशिकाओं तक पहुंच सके थायराइड एवं एंडोक्राइन ग्लैंड जो गले में स्थित होती है थायराइड हार्मोन निकलता है यह मेटाबॉलिज्म को संतुलित रखता है। थायराइड ग्रंथि से कम या ज्यादा मात्रा में हार्मोन निकलने से थायराइड की समस्या होती है। थायराइड का इलाज लाइलाज नहीं है बशर्ते की समय पर जांच हो और दवा के साथ-साथ खानपान ठीक से किया जाए।
*थायराइड बढ़ने से होने वाली परेशानियां*
थायराइड कितना होना चाहिए व्यस्क  व्यक्ति में इसका सामान्य स्तर 0 पॉइंट 4 से 5 मिलीलीटर तक यदि खून में टी एस एच का स्तर ज्यादा होता है तो अंडरएक्टिव थायराइड हो सकता है प्रेगनेंसी के दौरान पी एस एच बड़ा हुआ भी हो सकता है थायराइड की कमी से क्या-क्या हो सकता है थायराइड ग्रंथि की क्रिया पिट्यूटरी ग्रंथि नियंत्रण करती है राइड की कमी से सुस्ती ठंड लगना याददाश्त कमजोर होना  त्वचा में रूखापन एवं वजन बढ़ने की समस्या पैदा हो जाती है थायराइड से  होने वाला नुकसान हाइपो थायराइडिज्म किन चीजों को नहीं खाना चाहिए ब्रोकली फूलगोभी जैसी सब्जियां पत्ता गोभी फाइबर अन्य पोषक तत्वों से भरी होती है लेकिन यदि आयोडीन की कमी है तो थायराइड हार्मोन के उत्पादन को कम करती है थायराइड की दवाइयां प्रातः खाली पेट खाने के 30 से 45 मिनट पूर्व लेना चाहिए फल के रूप में नाशपाती ब्लूबेरी चेरिया खट्टे फल आदि शामिल करें थायराइड ग्रंथि में गड़बड़ी से हार्मोन असंतुलन होता है थायराइड कैंसर भी इसी असंतुलन के कारण होता है गले में सूजन भारीपन इसके मुख्य लक्षण हैं आयोडीन की कमी के अलावा खानपान में ध्यान नहीं देने के कारण एवं जरुर से ज्यादा तनाव 5 लक्षणों से थायराइड पहचाना जाता है बहुत अधिक थकान बहुत जल्दी थक जाना सोने में तकलीफ बेवजह चिड़चिड़ापन बेचैनी तनाव थायराइड के संकेत हैं T3 t4 कम होने से मांसपेशियां एवं जोड़ों में दर्द होता है गर्दन में सूजन बालों एवं त्वचा की समस्या पेट खराब होना हार्मोन बदलना मोटापा अवसाद थकान घबराहट यह लक्षण पाए जाते हैं थायराइड हार्मोन शरीर की हर एक कोशिका के कार्य को प्रभावित करती है विटामिन ए की कमी भी थायराइड हार्मोन शरीर की हर एक कोशिका को प्रभावित करती है यह वसा में घुलनशील विटामिन 3 के स्तर को बढ़ावा देने एवं टी एस एस को दिखाता है आयोडीन के अधिकता या कमी हार्मोन के उत्पादन के लिए आयोग की जरूरत होती है लेकिन आयोडीन की अधिकता या कमी थायराइड रोग पैदा रखती है इसमें दूध दही का अधिक सेवन करें calcium मिनरल्स और विटामिंस थायराइड से ग्रसित को स्वस्थ बनाने में मदद करती है मुलेठी का सेवन बेहद फायदेमंद होता है क्योंकि मुलेठी में  मौजूद तत्व ग्रंथि को संतुलित बनाते हैं सब्जियों में एंटीऑक्सीडेंट्स होता है जो थायराइड को बढ़ने नहीं देता है नारियल पानी पत्ता गोभी अनानास संतरा सेव गाजर चुकंदर अंगूर का रस पीना चाहिए विशेष रुप से गेहूं बाजरा और ज्वार इनका मिश्रण भोजन में काम लेना चाहिए विशेष रूप से अखरोट का सेवन ज्यादा करें।


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