जयपुर। डॉ संजीव गुप्ता जो कि सामाजिक सरोकार व अनेकों संस्थाओं से जुड़े हुए है इस कोरोना काल में राज्य की जनता के हित में सराहनीय कार्य रहे हैं।
-डॉ संजीव गुप्ता-
सर्वप्रथम इन्होंने व इनकी धर्मपत्नी डॉक्टर कृष्णा अग्रवाल ने राजस्थान विधानसभा के मुख्य सचेतक डॉक्टर महेश जोशी के नेतृत्व में सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज को 100 पीपीई प्रदान की, तत्पश्चात राज्य की चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा को 16 इंफ्रारेड थर्मोमीटर उपलब्ध करवाएं। डॉक्टर संजीव गुप्ता ने राज्य सरकार से कोरोना पीड़ितों को सस्ते और सुलभ इलाज की राज्य सरकार से मांग की जिस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा ने सहमत होते हुए कोरोना संबंधित प्रमुख जांचों की दरों में काफी कमी की, जिससे आमजन को बड़ी राहत मिली।
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी चिकित्सा प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश सह संयोजक डॉ संजीव गुप्ता ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा के साथ-साथ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोड़ा को पत्र भेजकर आमजन के हित में मांग की थी कि कोरोना पीड़ित मरीजों के फेफड़ों में संक्रमण का पता करने वाली एचआरसीटी की जांच जो इस समय बेहद जरूरी हो गई है उसका शुल्क राज्य में सभी निजी जांच केंद्रों एवं निजी अस्पतालों में निर्धारित किया जाए क्योंकि कोरोना महामारी के बाद चेस्ट यानी फेफड़ों में इन्फेक्शन के मरीज भारी तादाद में सामने आ रहे थे, जिनकी कोरोना की rt-pcr रिपोर्ट नेगेटिव होने के बावजूद भी फेफड़ों में संक्रमण पाया जा रहा था जिसकी वजह से बुजुर्ग तो चपेट में आ ही रहे थे, साथ-साथ अनेकों युवा भी इसकी चपेट में आ रहै थे, अनेकों लोगों की फेंफड़ों में इंफेक्शन की वजह से मौत के मामले भी सामने आए , फेफड़ों की जांच जिसे एचआरसीटी स्कैन चेस्ट भी कहा जाता है जिसके निजी जांच केंद्रों में और निजी अस्पतालों में ₹5000 से ₹15000 तक वसूल किए जा रहे थे।
डॉ संजीव गुप्ता ने राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा को इस जांच की अति आवश्यकता एवं इस जांच में हो रही लूट खसोट से अवगत कराया और इसकी रेट कम करने में निर्धारित करने की मांग की तो राज्य सरकार ने भी डॉक्टर संजीव गुप्ता की बात को गंभीरता से लिया और जनहित में सभी निजी जांच केंद्रों एचआरसीटी जांच की दरें राज्य में 1700 रुपए एवं 1995 रू निर्धारित करने के आदेश जारी कर दिए इससे आमजन को बड़ी राहत मिली है। सरकार ने तय किया है कि नॉन एनबीएच एनएबीएल लैब में सिटी स्कैन जांच के लिए 1700 रू व एनएबीएल nabh सीटी स्कैन की जांच के लिए 1995 रू लिए जाएंगे और किसी भी निजी जांच केंद्र और निजी अस्पताल इससे ज्यादा वसूली की तो उसके खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
पूर्व में भी आर टी पी सी आर की जांच सरकारी जांच केंद्रों और सरकारी अस्पतालों में तो निशुल्क होती थी लेकिन निजी लैब और निजी अस्पतालों द्वारा आरटी पीसीआर जांच के बदले मरीजों से ₹4500 रू लिए जा रहे थे तब डॉक्टर संजीव गुप्ता ने आमजन के हित में राज्य सरकार से मांग की और इसकी रेट को कम करने के लिए करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक जी गहलोत और चिकित्सा मंत्री को निवेदन किया था जिस पर तत्काल मुख्यमंत्री और चिकित्सा मंत्री ने संज्ञान लेते हुए आरटी पीसीआर की रेट 4500 से 2200 रुपए कर दिए फिर कुछ दिनों बाद ही डॉ गुप्ता ने राज्य के मुख्यमंत्री एवं चिकित्सा मंत्री को अवगत करवाया की बाजार में कंपटीशन एवं उपलब्धता की वजह से आरटी पीसीआर जांच में काम आने वाले किट की दर बहुत कम हो गई है इसलिए आरटी पीसीआर की दर 2200 से और भी कम की जाए जिस पर राज्य सरकार ने पूरे हिंदुस्तान में सबसे कम दर यानी 1200 रू निर्धारित कर दी जो से महामारी के दौरान राज्य की पीड़ित जनता को भारी राहत मिली।
विज्ञापन- राजधानी जयपुर में टोंक रोड,अजमेर रोड पर जेडीए एप्रूव्ड टाऊनशिप में प्लाट व विला, 80 प्रतिशत तक बैंक लोन, सीमित प्लाट, विजिट व बुकिंग के लिए शीघ्र करें संपर्क Call, WhatsApp 9214339633