Saturday, March 13, 2021

ग्लूकोमा का इलाज ना होने पर सदैव के लिए रोशनी जा सकती है : डॉ प्रवीण कांत शर्मा

 सक्षम ने मनाया विश्‍व ग्लूकोमा सप्ताह दिया नेत्र सुरक्षा का संदेश, नेत्रदान महादान: सुनील सिंघल

हिंडौन सिटी- सक्षम संस्था द्वारा 12 मार्च विश्व ग्लूकोमा दिवस के अवसर पर एक सेमीनार का आयोजन देव दृष्टि आई हास्पिटल पर  किया गया, सक्षम प्रांत सचिव सुनील सिंघल ने कहा कि नेत्रदान संकल्प जागरूकता से अंधत्व मुक्त भारत का सपना साकार हो सकता है और बताया कि पूरी दुनिया में 7 मार्च से 13 मार्च तक  विश्‍व ग्लूकोमा सप्ताह मनाया जा रहा है। ग्लूकोमा सप्ताह का इस वर्ष का विषय यह दर्शाता है की आंखों के नियमित परीक्षण के साथ, लोग अपने आस-पास का सौंदर्य, आकर्षण एवं रोमांच से भरपूर दुनिया को देखना जारी रख सकते हैं। 

नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉ प्रवीण कांत शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा की ग्लूकोमा या काला मोतियाबिंद एक नेत्र रोग है, इसका समय पर इलाज ना होने पर सदैव के लिए रोशनी जा सकती है। आंखों की अन्य बीमारियों में खोई हुई रोशनी इलाज से वापस भी लाई जा सकती है, लेकिन काला मोतिया में आंखों की रोशनी का आना मुश्किल होता है। सामान्‍य तौर पर 35 वर्ष से अधिक आयु के लोगो में यह बीमारी ज्‍यादा पाई जाती है। अगर शुरू में ही इसकी पहचान हो जाए तो ग्लूकोमा से होने वाले अंधेपन से मरीजों को बचाया जा सकता है।ये सुन्दर दुनिया देखनी है अगर तो अपनी दृष्टि बचाओ और समय रहते आंखों की जांच करवाओ।  सक्षम जिला सचिव दिनेश राज गुप्ता व कोषाध्यक्ष राजकुमार गुप्ता ने कुंभ हरिद्वार में 12 मार्च से 27 अप्रैल तक सक्षम द्वारा आयोजित किये जा रहे नेत्रकुम्भ में अपनी सेवाएं देने का सभी से आह्वान किया, कार्यक्रम में भी डॉ नरेंद्र गुप्ता, पवन बंसल, वेद प्रकाश सिंघल, रविन्द्र अग्रवाल, राहुल कुमार उपस्थित रहें

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